सिरसा: 14वर्षो बाद तो भगवन श्री राम का भी वनवास खत्म हो गया था लकिन डबवाली अग्निकांड पीड़ितों का वनवास कब खत्म होगा.मेरे ब्लॉग को पड़ने वाले लोगो को यह बताना जरुरी है की सिरसा जिला के उपमंडल डबवाली में 23 दिसम्बर 1995 को डी ए वी स्कूल का वार्षिक कार्यक्रम चल रहा था जहाँ अचानक आग लगने के कारन बचे बचिओं सहित 442 लोग काल का ग्रास बन गए.तब से लेकर आज तक अग्निपीद्तिओन को मुआवजे के नाम पर केवल असवाशन ही मिलते आये है.पिछले दिनों उच्च न्याल्येय ने इन पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा तो की लकिन यह राशी आज तक पीड़ितों के हाथों तक नहीं पहुंची.14 साल बाद अगर मुआवजे की राशी मिल भी जाती है तो उस रोशन लाल आहूजा को कौन जवाब देगा जिसने अपने दोनों बचे इस कांड में खो दिए औए आज उम्र के आखरी पड़ाव में सांत्वना के नाम पर चंद कागज के पत्ते उन्हें थमा दिए जायेंगे.हम मजबूरी रोशन लाल की भी समझते है की उन्हें आर्थिक बोझ के चलते मुआवजे की राशी स्वीकार करनी पड़ेगी लकिन क्या यह राशी पर्याप्त है की पिछले 14 साल उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में उठाया क़र्ज़ इस से वापिस दे पाएंगे.आज सरकारे अपने नेताओं को घुमने फिरने के लिए मुफ्त में हवाई यात्रायें करवा रही है लकिन आम आदमीं के चींक उन नेताओं तक नहीं पहुँचती जिन्हें दो वक़्त की रोटी भी नसीब नहीं है.
Tuesday, December 22, 2009
Wednesday, December 2, 2009
जिसे समाज ने ठुकराया उसे डेरा ने अपनाया
सिरसा:सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा व डेरा प्रेमिओं द्वारा वेशाओं व किनार्रो को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए की गयी पहल वाकया ही सरहनीय है.ऐसे मुहीम आज से पहले न तो हमने कहीं देखि और न ही कहीं सुनी.वहीँ डेरा प्रेमीयों का दिन पर दिन इस मुहीम से जुड़ना गजब है.बिना समाज की परवाह किये नोजवान युवा उन वेश्याओं से शादी करने को तयार है,जो इस धंदे में लिप्त है.इतना बड़ा जिगरा व होसला लाना अपने आप में एक मिसाल है वहीँ दूसरी ओर इन्ही वेशाओं को अपनी बेटी ओर बहन मानना भी किसी अजूबे से कम नहीं है.पूरी दुनिया में यह अपने आप में एक ऐसा पहले उद्हरण होगा जो न तो आज तक देखा गया ओर न सुना गया.वैसे डेरा सच्चा सौदा आये दिन कोई न कोई दिन नए उदारण पेश करता ही रहता है.
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